वाई-फाई से जुड़े कुछ टर्म जैसे WPA2, WPA, WEP, WPA-Personal और WPA-Enterprise आम यूज़र के लिए पहेली से कम नहीं हैं। आइए जानते हैं इन्हीं के बारे में:
WEP (Wired Equivalent Privacy)
यह वाई-फाई कनेक्शन को सिक्यॉर करने का एक तरीका है। भारी-भरकम नाम से भले ही यह सेफ लगे, लेकिन कनेक्ट करने का यह सबसे कमजोर तरीका है। थोड़ी भी तकनीकी जानकारी रखने वाला इसे हैक कर सकता है। दरअसल, पुराने राउटरों में WEP के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होता था, इसलिए तब इसके जरिए कनेक्ट करना मजबूरी थी। नए राउटरों में कनेक्ट करने के कई विकल्प होते हैं। अगर आप पुराना राउटर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बेहतर है कि इसे अपग्रेड कर लें।
WPA, WPA2 (Wi-Fi Protected Access)
यह वाई-फाई सिक्यॉरिटी का नया स्टैंडर्ड हैं। WPA को WEP की जगह पर लाया गया था। आसान शब्दों में यह वाई-फाई कनेक्शन की सिक्यॉरिटी को और मुस्तैद करने का एक तरीका है। वाई-फाई को और अधिक सिक्योर बनाने के लिए इस वक्त सबसे मजबूत WPA2 है। इसके जरिए WPA में मौजूद छोटी-मोटी कमियों को भी मिटा दिया गया है। WPA2 का ऑप्शन हर नए राउटर या नेटवर्क कनेक्शन डिवाइस में मौजूद होती है। अडवांस डिवाइसेज में इसके भी दो वर्जन मौजूद रहते हैं।
WPA-Personal, WPA-Enterprise
WPA-Personal घरों या छोटे ऑफिसों में वाई-फाई को सिक्यॉर करने का तरीका है। इसमें यूज़र एक खास पासवर्ड से डिवाइस को वाई-फाई से कनेक्ट करता है। यह इस लिहाज से कमजोर माना जाता है कि कॉमन पासवर्ड होने से इसके लीक होने का चांस बना रहता है और फिर इसका आसानी से अंदाजा भी लगाया जा सकता है। WPA-Enterprise अक्सर बड़ी कंपनियां इस्तेमाल करती हैं। इसमें जब भी यूजर वाई-फाई कनेक्ट करता है, तो उसे एक यूनीक यूजर नेम और पासवर्ड देना होता है। हर सिस्टम के लिए अलग यूजरनेम और पासवर्ड होता है। इस तरह के नेट सिक्यॉर करने के लिए आपको RADIUS ऑथेंटिकेशन सर्वर की जरूरत होती है।
कौन सबसे सेफ
बेशक सबसे सेफ WPA-Enterprise है, लेकिन इसके लिए RADIUS ऑथेंटिकेशन सर्वर लगाना होता है। बात अगर पर्सनल इस्तेमाल की है, तो WPA2 काफी सेफ है, बस पासवर्ड ऐसा रखा जाए, जिसे हैक करना आसान नहीं हो। हां, किसी भी हाल में WEP का इस्तेमाल न करें।
WEP (Wired Equivalent Privacy)
यह वाई-फाई कनेक्शन को सिक्यॉर करने का एक तरीका है। भारी-भरकम नाम से भले ही यह सेफ लगे, लेकिन कनेक्ट करने का यह सबसे कमजोर तरीका है। थोड़ी भी तकनीकी जानकारी रखने वाला इसे हैक कर सकता है। दरअसल, पुराने राउटरों में WEP के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होता था, इसलिए तब इसके जरिए कनेक्ट करना मजबूरी थी। नए राउटरों में कनेक्ट करने के कई विकल्प होते हैं। अगर आप पुराना राउटर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बेहतर है कि इसे अपग्रेड कर लें।
WPA, WPA2 (Wi-Fi Protected Access)
यह वाई-फाई सिक्यॉरिटी का नया स्टैंडर्ड हैं। WPA को WEP की जगह पर लाया गया था। आसान शब्दों में यह वाई-फाई कनेक्शन की सिक्यॉरिटी को और मुस्तैद करने का एक तरीका है। वाई-फाई को और अधिक सिक्योर बनाने के लिए इस वक्त सबसे मजबूत WPA2 है। इसके जरिए WPA में मौजूद छोटी-मोटी कमियों को भी मिटा दिया गया है। WPA2 का ऑप्शन हर नए राउटर या नेटवर्क कनेक्शन डिवाइस में मौजूद होती है। अडवांस डिवाइसेज में इसके भी दो वर्जन मौजूद रहते हैं।
WPA-Personal, WPA-Enterprise
WPA-Personal घरों या छोटे ऑफिसों में वाई-फाई को सिक्यॉर करने का तरीका है। इसमें यूज़र एक खास पासवर्ड से डिवाइस को वाई-फाई से कनेक्ट करता है। यह इस लिहाज से कमजोर माना जाता है कि कॉमन पासवर्ड होने से इसके लीक होने का चांस बना रहता है और फिर इसका आसानी से अंदाजा भी लगाया जा सकता है। WPA-Enterprise अक्सर बड़ी कंपनियां इस्तेमाल करती हैं। इसमें जब भी यूजर वाई-फाई कनेक्ट करता है, तो उसे एक यूनीक यूजर नेम और पासवर्ड देना होता है। हर सिस्टम के लिए अलग यूजरनेम और पासवर्ड होता है। इस तरह के नेट सिक्यॉर करने के लिए आपको RADIUS ऑथेंटिकेशन सर्वर की जरूरत होती है।
कौन सबसे सेफ
बेशक सबसे सेफ WPA-Enterprise है, लेकिन इसके लिए RADIUS ऑथेंटिकेशन सर्वर लगाना होता है। बात अगर पर्सनल इस्तेमाल की है, तो WPA2 काफी सेफ है, बस पासवर्ड ऐसा रखा जाए, जिसे हैक करना आसान नहीं हो। हां, किसी भी हाल में WEP का इस्तेमाल न करें।
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