इस दिन एक पार्क में शहर के बच्चे, बूढ़े और जवान इकट्ठे होते हैं। सभी अपने शरीर या दूसरों के शरीर पर पेंटिंग करते हैं। इस दौरान वे आपस में खूब मस्ती भी करते हैं। जहाँ बच्चों के लिए यह दिन धमा-चौकड़ी मनाने का होता है, वहीं बूढ़े लोग दूसरों लोगों को उत्सव में बढ़-चढ़कर धमाल करने के लिए उत्साहित करते हैं।
इस त्योहार में बॉडी आर्ट को बाद में पुरस्कृत भी किया जाता है। इसलिए त्योहार में सबसे अच्छी और अलग पेंटिंग का भी जोश होता है। वैसे हाथ में रंग हो और कूची कभी पकड़ी न हो तो पूरा समाँ ही रंगीन हो जाता है। दिनभर चले इस हुड़दंग के बाद रात में नाच-गाने का कार्यक्रम आयोजित होता है। उत्सव पूरे 6 दिनों तक मनाया जाता है।
तिब्बत का स्नान पर्व :
जुलाई माह के पहले दस दिन में तिब्बतियों का स्नान पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को गामारीजी नाम से जाना जाता है। तिब्बतियों की मान्यता है कि इस दौरान नदी या तालाब का पानी मीठा, ठंडा, मृदुल, हल्का, साफ और हानिरहित होता है, जो गले के लिए अच्छा होता है, बल्कि पेट के लिए नहीं। तिब्बती लोग इस दौरान नदी और झील के किनारे टेंट डालते हैं और स्नान को पर्व के रूप में मनाते हैं।
इस त्योहार में बॉडी आर्ट को बाद में पुरस्कृत भी किया जाता है। इसलिए त्योहार में सबसे अच्छी और अलग पेंटिंग का भी जोश होता है। वैसे हाथ में रंग हो और कूची कभी पकड़ी न हो तो पूरा समाँ ही रंगीन हो जाता है। दिनभर चले इस हुड़दंग के बाद रात में नाच-गाने का कार्यक्रम आयोजित होता है। उत्सव पूरे 6 दिनों तक मनाया जाता है।
थाईलैंड का सोंगकरन पर्व
सोंगकरन थाई नववर्ष का पर्व है। इसमें पानी में खूब मस्ती होती है। त्योहार के दौरान सभी लोग एक तालाब के पास एकत्र होते हैं और एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं। दो-चार लोग मिलकर एक व्यक्ति को तालाब में उछालते हैं और उसे डुबकी दिलाते हैं। इस त्योहार में क्या बच्चे और क्या बूढ़े, क्या स्त्री और क्या पुरुष- सभी एक रंग में रंग जाते हैं। दिनभर गाने और डांस की धूम मची रहती है। त्योहार सुबह 3 बजे से ही शुरू हो जाता है और देर शाम तक चलता रहता है। इस दौरान लोग एक-दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं।
जापान का चेरी ब्लॉसम सीजन फेस्टिवल
जापान में मनाए जाने वाला यह उत्सव भी अपने अनूठेपन के लिए प्रसिद्ध है। उत्सव मार्च और अप्रैल के महीने में मनाया जाता है, क्योंकि इस दौरान चेरी के पेड़ में फूल आते हैं। लोग अपने परिवार के साथ चेरी के बगीचे में बैठते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। वे पेड़ से झरते फूलों की पंखुडियों से सबका स्वागत करते हैं। दिनभर चलने वाले इस त्योहार पर विशेष भोजन और संगीत-नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
पेरू का इनकान उत्सव :
पेरू में पांच दिन चलने वाले इस त्योहार के दौरान लोग रंगीन परिवेश में पूरे शहर में घूमते हैं। इस दौरान वे टोलियों में होते हैं। हर टोली की एक थीम होती है। ये लोग ड्रम की थाप पर नृत्य करते हैं और अपने आपको दूसरे से बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं। रात में कुजको महल के सामने सभी एकत्र होते हैं और एक-दूसरे को उत्सव की शुभकामना देते हैं।
पेरू में पांच दिन चलने वाले इस त्योहार के दौरान लोग रंगीन परिवेश में पूरे शहर में घूमते हैं। इस दौरान वे टोलियों में होते हैं। हर टोली की एक थीम होती है। ये लोग ड्रम की थाप पर नृत्य करते हैं और अपने आपको दूसरे से बेहतर साबित करने की कोशिश करते हैं। रात में कुजको महल के सामने सभी एकत्र होते हैं और एक-दूसरे को उत्सव की शुभकामना देते हैं।
पापुआ न्यूगिनिया का गोरोका उत्सव :
पापुआ न्यूगिनिया (Papua New Guinea) में इस त्योहार के दौरान लोग माउंट हेगन की तलहटी में एकत्र होते हैं और पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हैं। वे अपने शरीर पर पंछियों के पर और ऐसे ही कई पारंपरिक श्रंगार किए होते हैं। मस्ती और उल्लास के त्योहार पर मजेदार भोज आयोजित होते हैं।
पापुआ न्यूगिनिया (Papua New Guinea) में इस त्योहार के दौरान लोग माउंट हेगन की तलहटी में एकत्र होते हैं और पारंपरिक आदिवासी नृत्य करते हैं। वे अपने शरीर पर पंछियों के पर और ऐसे ही कई पारंपरिक श्रंगार किए होते हैं। मस्ती और उल्लास के त्योहार पर मजेदार भोज आयोजित होते हैं।
चीन का पानी फेंकने का उत्सव :
चीन के युवान प्रांत में मार्च-अप्रैल में पानी फेंकने का उत्सव मनाया जाता है। यह दाई लोगों के महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक है। इस त्योहार को बुद्ध का स्नान से भी जाना जाता है। त्योहार के दौरान सभी लोग एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
चीन के युवान प्रांत में मार्च-अप्रैल में पानी फेंकने का उत्सव मनाया जाता है। यह दाई लोगों के महत्वपूर्ण उत्सवों में से एक है। इस त्योहार को बुद्ध का स्नान से भी जाना जाता है। त्योहार के दौरान सभी लोग एक-दूसरे पर पानी फेंकते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
तिब्बत का स्नान पर्व :
जुलाई माह के पहले दस दिन में तिब्बतियों का स्नान पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को गामारीजी नाम से जाना जाता है। तिब्बतियों की मान्यता है कि इस दौरान नदी या तालाब का पानी मीठा, ठंडा, मृदुल, हल्का, साफ और हानिरहित होता है, जो गले के लिए अच्छा होता है, बल्कि पेट के लिए नहीं। तिब्बती लोग इस दौरान नदी और झील के किनारे टेंट डालते हैं और स्नान को पर्व के रूप में मनाते हैं।
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