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फेसबुक: 'मजाक-मजाक' में आप भी कर सकते हैं अच्छी कमाई

फ़ेसबुक पर दोस्तों से चैट या स्टेटस अपडेट, सिर्फ़ यही फ़ेसबुक का इस्तेमाल नहीं। लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने हुनर को सामने लाने और 'सेंस ऑफ़ ह्मूयर' की नुमाइश के लिए भी कर रहे हैं।


गार्बेज बिन

दिल्ली के फ़ैसल मोहम्मद ने फ़ेसबुक पर कार्टून स्ट्रिप 'गार्बेज बिन' शुरू की।

फ़ैसल बताते हैं, “गुड्डू इस कार्टून का मुख्य पात्र है। इसमें रोज़मर्रा की ज़िंदगी और लोगों के घरपरिवार की घटनाएं मनोरंजक और मज़ेदार ढंग से पेश की जाती हैं। अब तो लोग इंतज़ार करते हैं कि क्या होता है गुड्डू की ज़िंदगी में।"

इस कार्टून स्ट्रिप के साढ़े सात लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। साथ ही राज कॉमिक्स ने भी इसका संकलन निकाला है।


यू-ट्यूब पर समीक्षा


बैंगलुरु के कानन गिल और कल्याण रथ आईटी पृष्ठभूमि से हैं।

उन्होंने फ़ेसबुक और यू-ट्यूब पर कई हिंदी फ़िल्मों की समीक्षा की है, जो बेहद मशहूर हो चुकी हैं। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में इन्हें मज़ेदार और हास्यप्रद बताया।

यू-ट्यूब पर उन्होंने सूरज बड़जात्या की फ़िल्म 'मैं प्रेम की दीवानी हूं' की समीक्षा पोस्ट की, जिसे तीन महीने में तीन लाख से ज़्यादा हिट्स मिल चुके हैं।

कानन कहते हैं, “हम वो फ़िल्में चुनते हैं, जिनके प्रति समय बीतने के साथ ही लोगों का नज़रिया बदला। हालांकि यह एक निजी पसंद-नापसंद का मामला है। हमने ऐसा बिल्कुल नहीं सोचा था कि यह इतना लोकप्रिय हो जाएगा।”


हुनर और मुनाफ़ा


फ़ेसबुक पर अगर आपके पेज को लाखों फ़ॉलोअर्स मिल रहे हैं और यू ट्यूब पर भी अगर आपका वीडियो 'वायरल' हो रहा है, तो आपको पैसे कमाने का मौक़ा मिल सकता है।

फ़ैसल कहते हैं, “हमारे कार्टून स्ट्रिप गार्बेज बिन की एप्लिकेशन और मर्चेंडाइज़ जल्द आ सकती है।"

कानन के मुताबिक़, “लोग हमारे वीडियो देखते हैं। उन्हें हमारा काम पसंद आता है तो फिर वो हमारे स्टैंड अप शो देखने आते हैं। इससे कहीं न कहीं फ़ायदा होता है।"

अपना मज़ाक
साल की 'सबसे बकवास फ़िल्म' और 'बकवास एक्टर' का अवॉर्ड देने वाली संस्था गोल्डन केला अवॉर्ड्स के संस्थापक जतिन वर्मा कहते हैं “भारत के युवाओं का हास्यबोध सोशल मीडिया आने के बाद से काफ़ी बढ़ा है। अब हम ख़ुद पर मज़ाक सहन कर सकते हैं। इससे फ़ेसबुक और यू-ट्यूब के ज़रिए लोगों का हुनर सामने लाना मुमकिन हो पाया है।”

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