Skip to main content

बिल्लियों के बारे में रोचक और विचित्र जानकारियां

मानव सभ्यता की शुरुआत में जिन कारणों से कुत्तों को पालतू बनाया गया था ल‍गभग उन्हीं कारणों से मनुष्यों ने अपने लाभ के लिए बिल्लियों को पालतू बनाया था। खेती के प्रारंभिक दिनों में लोगों को कई विभिन्न कारणों से नुकसान हो जाता था। चूहे उसकी फसलों को खा जाते थे और घरों की बहुत सारी चीजों को बरबाद कर देते थे। 

चूहों के अलावा सांप, उल्लू और बिल्लियों जैसे प्राणी भी थे। इन प्राणियों में बिल्लियां सबसे ज्यादा मित्रवत थीं और उन्होंने मनुष्यों के साथ रहना शुरू कर दिया। कीड़े-मकोड़ों को नष्ट करने की क्षमता के कारण उन्हें मनुष्यों की रिहायशी ‍बस्तियों में आसानी से शरण मिली। 

* बि‍ल्ली को करीब 10 हजार वर्ष पहले अफ्रीकी जंगली बिल्ली से पालतू बनाया गया था। यह शुरुआत मध्य-पूर्व में हुई थी और बाद में सारी दुनिया में फैल गई और बिल्ली एक बार घर में आई तो घरेलू बनकर रह गई। दुनिया की कुछ संस्कृतियों में इसे देवताओं की तरह पूजा जाता है तो कुछ में इन्हें बुराई का प्रतीक माना जाता है। 

* जिन लोगों के घरों में मादा बिल्ली रहती है, शायद उन्हें भी इसके उत्तेजित होने के बारे में जानकारी नहीं होती है। इतना ही नहीं, इनकी इच्छाशक्ति के कारण इन्हें जबर्दस्त तकलीफ से भी गुजरना पड़ता है। अपने प्रेमियों से मिलने के लिए यह आवाज लगाती है ‍और नर बिल्लियों को इसके साथ समागम करने का मौका मिलता है।


* लेकिन नर और मादा बिल्ली का वास्तविक सेक्स बहुत ही तकलीफदेह होता है। सेक्स के दौरान मादा बहुत ही तकलीफों से भरी आवाजें निकालती है, क्योंकि नर बिल्ली का लिंग कोई सुखद अंग नहीं होता है वरन एक तरह का ऐसा हुक होता है, जो कि मध्यकाल में यातना देने के लिए बनाया गया हो। यह किराटिन से बना एक ऐसा फिश हुक होता है, जो कि जोर से खींचे जाने पर मादा को और भी अधिक तकलीफ देता है। यह हुक मादा बिल्ली की वैजाइनल कैनाल को भेद देता है और इसके बाद ही वह गर्भधारण करने की स्थिति में आ पाती है। 

* इसी तरह से बिल्ली के नाखूनों का काटा जाना भी बहुत तकलीफदेह होता है। चूंकि भारत और अन्य देशों में नाखून काटे जाने को लेकर कोई नियम-कानून नहीं है और न ही जरूरी समझा जाता है कि बिल्ली के नाखूनों को काटने के लिए पशु चिकित्सक की मदद ली जाए।

* अमेरिका जैसे देशों में बिल्ली के नाखूनों को काटने के लिए सर्जरी की जाती है। पशु चिकित्सक बिल्ली की उंगली के आखिरी भाग को ही निकाल देता है। यह समझिए कि आपके नाखून काटने के लिए आपकी उंगलियों का पहला पोर ही काट दिया जाए।



* सड़कों पर होने वाली मौत बिल्लियों के कम होने का एक कारण है। ब्रिटेन में एक कानून है कि अगर आपके किसी ‍कुत्ते या खेतों पर पाए जाने वाले पशु का एक्सीडेंट हो जाता है तो इसकी जानकारी आपको पुलिस को देना अनिवार्य होती है, लेकिन अगर कोई बिल्ली को कुचल देता है तो उसको पुलिस में सूचना देने की जरूरत नहीं होती है।

* क्या आप इस बात पर विश्वास करेंगे कि दूध पीना बिल्ली के‍ स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब होता है। सच तो यह है कि दूध में लैक्टोज होता है और ये लैक्टोज को पचा ही नहीं पाते हैं। बड़ा होते पर मनुष्यों की भांति बिल्लियों में भी लैक्टोज एंजाइम नहीं बनता है। इसी तरह बिल्लयों को दूध भली-भांति नहीं पचता है और इन्हें कभी भी दूध नहीं दिया जाना चाहिए।

* इनके बारे में आश्चर्यजनक बात यह है कि बिल्ली और चूहों में यह खास बात होती है कि वे रिहाइड्रेट करने के लिए समु्द्र का पानी पी लेते हैं और इनकी किड‍नीज इन्हें ऐसा करने में सक्षम बनाती हैं।


* कुत्तों के बारे में ऐसी बहुत-सी कहानियां हैं कि उन्होंने अपने मालिक की जान बचाने के लिए बहादुरी के काम किए हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जबकि बिल्लियों ने अपनी बुद्धि से अपने मालिक की जान बचाई है।

* वर्ष 2012 में ह्यूमन सोसायटी के लोगों ने कुछेक घंटों पहले ही बिल्ली की जान बचाई थी। उसकी नई मालकिन को डायबिटीज का बड़ा प्रकोप हुआ था। बिल्ली ने उसे तब तक जगाए रखा जब तक कि महिला पर से दौरे का असर समाप्त नहीं हो गया था। 

बिल्ली ने जैसे ही समझा कि उसकी मालकिन की तबीयत खराब हो गई है और वह ‍‍ग‍िरकर बेहोश हो सकती है तो वह अपनी नई मा‍लकिन की छातियों पर चढ़ दौड़ी। इतना ही नहीं, बिल्ली ने उसके चेहरे पर तब तक पंजे मारना और काटना नहीं छोड़ा जब तक कि महिला पूरी तरह से सचेत नहीं हो गई और उस पर मधुमेह के दौरे का असर समाप्त नहीं हो गया। इसके बाद बिल्ली उस महिला के लड़के के कमरे में गई और उसने उसे भी तब तक परेशान किया जब तक कि उसने मदद के लिए डॉक्टरों को नहीं बुलाया।


* हालांकि इसे आप कल्पना की उड़ान मान सकते हैं, लेकिन वर्ष 2008 की अर्जेंटीना की कहानी इससे भी ज्यादा अविश्वसनीय है। कहा जाता है कि यहां पुलिस को मिशिन्स शहर में एक वर्षीय बच्चा मिला था जिसे बिल्लियों के एक झुंड ने जिंदा बनाए रखा था। बच्चा अपने बेघर पिता से बिछुड़ गया था और अगर बिल्लियां उसकी मदद न करतीं तो वह मर ही जाता।

ये बिल्लियां उसे सारी रात गर्म रखतीं और खाने के लिए थोड़ी-बहुत चीजें ला देती थीं। जब पुलिस ने बच्चे को खोजा और उसे बिल्लियों से बचाने की कोशिश की तो पुलिस को बिल्लियों के जबर्दस्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। आप इसे पूरी तरह मनगढ़ंत कहानी बता सकते हैं लेकिन कभी-कभी सच्चाई कल्पना से भी ज्यादा विचित्र होती है और इस बात से आप इंकार नहीं कर सकते हैं। 

* सैकड़ों वर्षों से घरेलू‍ बिल्लियों की जंगली बिल्लियों के साथ मेटिंग (मैथुन) कराने की परंपरा रही है और इस कारण से दुनिया के विभिन्न इलाकों में तरह-तरह की ‍ब‍िल्लियों की संख्या बढ़ती जा रही है। बंगाल की बिल्ली हो या सवाना या फिर ऑस्ट्रेलिया की, हरेक की अपनी विशेषताएं हैं, परंतु आज जो बिल्लियां सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं वे सवाना ‍बिल्लियां हैं।



* कई मामलों में ये कुत्तों जैसी ही होती हैं और ऑस्ट्रेलिया में ऐसी बिल्लियों के पाले जाने पर रोक है। कहीं-कहीं बिल्लियां इतनी अधिक महंगी और लोकप्रिय हैं कि एक बिल्ली आपको 10 हजार डॉलर से भी अधिक की पड़ सकती है। 

* 'गॉडफादर' की बिल्ली को कौन नहीं जानता। 'गॉडफादर' को फिल्म इतिहास की एक क्लासिक फिल्म माना जाता है और इस फिल्म की एक विशेषता यह है कि इस फिल्म में गॉडफादर को अपनी बिल्ली को सहलाते हुए देखा जा सकता है और यह दृश्य बताता है कि डॉन के पास जहां एक निर्मम ताकत है वहीं उसमें अपनी पालतू बिल्ली के तिए दया और करुणा का भाव भी है।

शुरुआत में बिल्ली इस फिल्म की पटकथा का हिस्सा नहीं थी लेकिन जब एक बिल्ली भटकते हुए सेट पर आ गई थी तो मार्लन ब्रांडो ने इसे प्यार से थपकियां क्या दीं कि यह सिनेमाई इतिहास की एक खास पहचान बन गई। 

* काली मौत का डर : ग्रेगरी नवम 1227 से अपनी मौत 1241 तक पोप रहा था और उसके कार्यकाल में उन चीजों को समाप्त करने पर खासा जोर था, जो कि धर्मविरोधी मानी जाती थीं। उसका यह मानना था कि लोग काली बिल्लियों की पूजा कर रहे हैं और इस कारण से बुराई बढ़ रही है। उसके प्रभाव के कारण समूचे यूरोप में बड़ी संख्या में बिल्लियों को मारा गया और जिसका दुष्प्रभाव सैकड़ों वर्षों बाद तक देखा जा सकता था।



* वर्ष 1340 के दशक में जब एशिया में काली प्लेग से एशिया प्रभावित हो गया और यह यूरोप तक पहुंचने वाला था तब लोगों की समझ में आया कि बिल्लियों को मारने के गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। तब से बिल्लियों को मारने की जरूरत नहीं समझी गई। आजकल जो पोप हैं उन्हें ‍बिल्लियों से विशेष लगाव है और ये प्राणी उनके साथ वैटिकन के मैदानों के आसपास तक देखे जाते हैं। 

* चूहों और मूषकों को खाने की विशेषता के कारण ही बिल्लियों को पालतू बनाया गया था। आज बिल्लियों के मालिक चाहते हैं कि उनकी पालित बिल्ली चुपचाप घर में सोती रहे, लेकिन बिल्लियों में शिकार करने की खास प्रवृत्ति होती है और ये उसे आसानी से नहीं छोड़ती हैं।

* आप बिल्ली को घर से खुला छोड़ दीजिए और देखिए कि आपके घर के पास पक्षियों और चूहों की खालें मिल जाएंगीं। आज भी डिजनीलैंड और मॉस्को, रूस के स्टेट हरमिटेज म्यूजियम में चूहों और मूषकों से छुटकारा पाने के लिए बिल्लियां ही रखी जाती हैं। 

* इतना ही नहीं, इन्होंने तो बाकायदा‍ रिकॉर्ड भी बना रखा है। ग्लेनटरेट कैट, टॉसर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्‍स में भी स्थान मिल चुका है। अपनी 24वीं वर्षगांठ तक जीवित रही टॉसर को स्रीएफ, स्कॉटलैंड की एक प्रसिद्ध डिस्टिलरी में रखा गया था।

* उल्लेखनीय है कि यहां प्रसिद्ध ग्राउज व्हिस्की बनाई जाती है। गिनीज रिकॉर्ड के दौरान बड़े बालों वाली टॉसर ने यहां पर 28,899 चूहों का शिकार किया था। पर इससे भी बड़ी आश्चर्य की बात यह है कि टॉसर की सफलता के बाद दूसरी बिल्ली अम्बर को यहां पर इसी काम के लिए रखा गया था लेकिन वह अपने 20 वर्ष के कार्यकाल में एक चूहा पकड़ने में भी कामयाब नहीं हो सकी।


* बिल्ली और उसके नौ जीवन का मुहावरा अत्यधिक प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि बिल्ली अपनी गति और रहस्यमय फुर्ती के बल पर प्रत्येक मोड़ पर मौत को भी मात देने की क्षमता रखती है। बिल्ली की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह कितनी ही अधिक उंचाई से गिरने के बावजूद बचने में सफल हो जाती है।

* इस मामले में मनुष्यों की बिल्ली से तुलना ही नहीं की जा सकती है, क्योंकि आदमियों को गिरने से बहुत अधिक डर लगता है। पर ऐसे कई मामले भी हैं जिनमें अकस्मात गिरने के बाद भी एक महिला वेस्ना वुलोविख 9 हजार मीटर से अधिक की ऊंचाई से गिरकर भी जीवित बची रह सकी थी। 

* गिरने के बावजूद अपने शरीर को चोटों से बचाने की मैकेनिज्म बिल्ली को पैदाइश में मिली होती है और इसका सेंस ऑफ बैलेंस इतना अच्छा होता है कि इसे अधिक चोट नहीं लगती है। अगर बिल्ली कुछेक फीट की ऊंचाई से नीचे गिर जाती है तो इस बात की पूरी संभावना होती है कि यह चारों पैरों पर खड़ी दिखेगी।

* चूंकि इसका वजन कम होता है इसलिए इसकी लोअर टर्मिनल वैलोसिटी (गिरने की अधिकतम गति) होती है। एक इंसान जहां आसानी से 120 मील प्रति घंटा की रफ्तार से नीचे गिरता है वहीं बिल्ली की गति करीब 60 मील प्रति घंटा होती है। 

* यह मात्र निराधार कल्पना या अटकलबाजी नहीं है कि वरन दर्जनों ऐसी रिपोर्टें हैं जिनमें बिल्लियां बहुत उंचे स्थानों से गिरी हैं और उन्हें ज्यादातर खरोंचें ही आई हैं। वर्ष 2011 में एक बूढ़ी बिल्ली 'ग्लूसेस्टर' मैनहटन अपार्टमेंट की अपर वेस्ट साइड की 20 ‍‍मंजिलों से गिरी थी। उसे बहुत थोड़ी चोटें आई थीं।

* अगले ही वर्ष बोस्टन में 'शुगर' नाम की बिल्ली 19वीं ‍मंजिल से गिरी थी। पर सबसे आश्चर्यजनक बात तो तब हुई थी जब 2009 में मैनहटन की एक और इमारत से बिल्ली 26वीं मंजिल से गिरी। उस समय खिड़की की सफाई करने वाले कर्मियों ने इसकी तस्वीरें भी उतार ली थीं। जानते हैं कि इस भाग्यशाली बिल्ली का नाम क्या है? उसका नाम है 'लकी'।


Comments

Popular posts from this blog

Harry Potter all Part Hindi Me Download Kare

  Welcome to My Latest Harry Potter all Part Movies Article . अपने आज के इस आर्टिकल के द्वारा मैं आप सभी को Harry Potter के सभी Part Hindi में देने वाला हु मेरे द्वारा दिए गए लिंक से आप हैरी पॉटर के सभी पार्ट बहुत ही आराम से डाउनलोड कर सकते हो तो चलिए  है अपना आज का यह आर्टिकल। जिसका नाम है  Harry potter all part hindi me download kare . Harry Potter and the sorcerers stone 2001  Hindi Dubbed Movie  Download Click Now Harry Potter and the Chamber of Secrets 2002  Hindi Dubbed Movies Size 1GB  Download Click Now Harry Potter and the prisoner of azkaban 2004  Hindi Dubbed Movies  Download Click Now Harry Potter and the goblet of fire 2005  Hindi Dubbed Movie  Download Click Now Harry Potter and the order of the Phoenix 2007  Hindi Dubbed Movie   Download Click Now Harry Potter and the Half blood Prince 2009  Hindi Dubbed Movie  Download Click Now Harry Potter and the Deathly Hallows 2010  Hindi Dubbed Movies P...

आविष्कार

पहिया लकड़ी के पहिये का आविष्कार सबसे पहले मेसोपोटामिया (आधुनिक ईराक) में हुआ था। ईसा से ३५०० वर्ष पहले इस पहिये को लकड़ी के कई तख्तों से जोड़कर बनाया गया था।

काम का ऐप: Duolingo

फ्री ऐप  उपलब्ध है:  गूगल प्ले स्टोर  और  ऐपल ऐप स्टोर  पर क्या है खास:  Duolingo के जरिए आप स्पेनिश, फ्रेंच, जर्मन, पुर्तगाली, इटैलियन और इंग्लिश सीख सकते