दुनिया की खोज के समय, जब रेडियो या रडार नहीं होते थे खोज यात्री अपने रास्ते का
ध्यान रखने के लिए सूरज, चाँद और सितारों की सहायता लेते थे। खोज की लंबी समुद्री
यात्राओं में दिशा बताने का काम यही करते थे।
सबसे पहले कुतुबनुमे का आविष्कार चीन में ४००० साल पहले हुआ, लेकिन यूरोपीय लोग एक हज़ार साल पहले तक इसके प्रयोग के विषय में कुछ नहीं जानते थे।
ऑस्ट्रेलिया का पूरा चक्कर लगाने वाला व्यक्ति था मैथ्यू फ़्लिंडर्स जो ब्रिट्श नौसैनिक था। उसने अपनी यात्रा १८०१ में शुरू की और १८०३ में वापस लौटा।
ब्रिटिश अन्वेषक और ईसाई धर्मप्रचारक डेविड लिविंगस्टोन (दाएँ) ने १८४१ से १८७३ में अपनी मृत्यु तक अफ़्रीका की ५,००० किलो मीटर की लंबी यात्रा की। एक बार उसे शेर ने हमले का शिकार भी होना पड़ा।
ध्यान रखने के लिए सूरज, चाँद और सितारों की सहायता लेते थे। खोज की लंबी समुद्री
सबसे पहले कुतुबनुमे का आविष्कार चीन में ४००० साल पहले हुआ, लेकिन यूरोपीय लोग एक हज़ार साल पहले तक इसके प्रयोग के विषय में कुछ नहीं जानते थे।
पंद्रहवीं शताब्दी के कुछ ऐसे नक्शे मिले हैं जिनमें जिनमें समुद्र तट से संबंधित विषयों को चित्रित किया गया है। इनमें प्रमुख बंदरगाह और समुद्र के असुरक्षित स्थानों को दिखाया गया है।
सत्रहवीं शताब्दी में दूरबीन का आविष्कार हुआ। इसकी सहायता बहुत दूर तक देखा जा सकता था। नाविकों को जब आसमान में उड़ते हुए पक्षी दिखाई देते थे तब वे समझ जाते थे कि किनारा पास ही है।
आस्ट्रेलिया में हज़ारों सालों से एबोरीजिनल लोगों का निवास था। डच
नाविक विलियम जेन्स्ज़ वह पहला यूरोपियन था जो सागर पार कर वहाँ १६०६ में पहुँचा।
१७७० में ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी समुद्रतट जेम्स कुक (नीचे बाएँ) ने पहली बार कदम रखे। उसने कंगारुओं का वर्णन करते हुए लिखा कि वे कुत्ते की तरह दौड़ते हैं और खरगोश की तरह कूदते हैं।
जॉन स्टूअर्ट (नीचे दाएँ) ने १८६२ में आस्ट्रेलियन सरकार ने उसे इसके लिए १०,००० पाउंड का पुरस्कार दिया।
अफ़्रीका की खोज
अफ़्रीका के विशाल महाद्वीप का पता सबसे पहले योरोपीय नाविकों ने १९वीं सदी में लगाया। घने जंगल, विस्तृत मरुस्थल और चौड़े पाट वाली गहरी नदियों के कारण इसकी खोज में अनेक कठिनाइयाँ थीं।
अफ्रीका की सबसे प्रसिद्ध महिला अन्वेषक मेरी किंग्स्ले (बाएँ) थीं। १८९० में उन्होंने पश्चिम अफ़्रीकी चिड़ियों की अनेक ऐसी प्रजातियों की सूची बनाई और जानकारी इकट्ठा की जिनके विषय में शेष विश्व को पहले कुछ पता नहीं था।
१८२० में अन्वेषक हग क्लैप्परटन, वाल्ट ओडनी और डिक्सन डैनहम ने सहारा के मरुस्थल को पार किया और अनेक अरब नेताओं से दोस्ती की। एक जर्मन अन्वेषक हांस मेयर ने १८८९ में अफ़्रीका के सबसे ऊँची पर्वत शृंखला किलिमंजरो की सबसे ऊँची चोटी पर विजय प्राप्त की।
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