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सामने आया आत्मघाती कंप्यूटर वायरस, जानिए इसकी करामात

एक ऐसे वायरस का पता चला है जो पकड़े जाने से बचने के लिए कंप्यूटर को ही बेकार कर देता है।


तकनीक के जानकारों का कहना है कि अब तक मालवेयर नमूनों में रोमबर्टिक अपने आक्रामक व्यवहार के चलते सबसे ‘अनूठा’ है।

विंडोज़ पर चलने वाली मशीनों में यह पकड़ में नहीं आता है और लॉगिन डाटा और अन्य गोपनीय सूचनाएं चुरा लेता है।

सिक्युरिटी रिसर्चर बेन बेकर और एलेक्स चियू ने अपने ब्लॉग में कहा है, "रोमबर्टिक मालवेयर लुभावने ईमेल में अटैच रहता है और संदेश के खुलने के साथ ही यह कंप्यूटर में चला जाता है।"

जिन कुछ ईमेल संदेशों में यह मालवेयर छिपा रहता है, वो माइक्रोसॉफ्ट से आए हुए लगते हैं।

अनोखा' वायरस

शोधकर्ताओं के अनुसार, व्यक्ति किसी भी वेबसाइट पर जो भी जानकारी डालता है, रोमबर्टिक इसे चुराता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, “रोमबर्टिक इस मायने में अनोखा है कि जब इसे लगता है कि मालवेयर एनॉलिसिस में पकड़ा जाएगा तो यह कंप्यूटर को ही खामोश कर देता है।”

यह वायरस इतना शातिर है कि यह नियमित रूप से इस बात की आंतरिक जांच पड़ताल करता रहता है कि कहीं उसको पहचानने की कोशिश तो नहीं हो रही है।

अगर उसे लगा कि ऐसा है तो वो विंडोज़ सिस्टम की एक ज़रूरी फ़ाइल- मास्टर बूट रिकॉर्डर (एमबीआर) को मिटा देता है।

इसके बाद मशीन रीस्टार्ट होती है लेकिन एमबीआर के बिना यह प्रक्रिया अंतहीन बन जाती है।

कंप्यूटर को फिर से चालू करने के लिए विंडोज़ को फ़िर से इंस्टॉल करना पड़ता है और इसका मतलब महत्वपूर्ण जानकारियों का खो जाना।

रोमबर्टिक एनॉलिसिस को विफल बनाने के लिए अन्य तरकीबें भी इस्तेमाल करता है।

एनॉलिसिस को गुमराह करने के लिए यह मालवेयर कंप्यूटर की मेमोरी में एक ही सूचना को 96 करोड़ बार लिख डालता है।


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